
अम्बेडकरनगर।
ए श्रेणी दर्जा प्राप्त नगर पालिका परिषद टांडा में भ्रष्टाचार और दलाली के आरोपों ने नगर राजनीति में भूचाल ला दिया है। पालिका अध्यक्ष शबाना नाज़ पर आरोप है कि वह खुद के बजाय अपने खास बाहरी आदमी मो. सैयद ऑन के इशारों पर पूरा पालिका तंत्र चला रही हैं। यही वजह है कि करीब 11 सभासदों ने एकजुट होकर जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला को प्रार्थना पत्र सौंपा है और तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
सभासदों ने आरोप लगाया है कि मो. सैयद ऑन नामक यह बाहरी व्यक्ति पालिका कार्यालय में अधिकारियों-कर्मचारियों पर दबाव बनाता है। फाइलों को रोकना, कमीशन तय करना, निर्माण विभाग के कर्मचारियों को धमकाना — यह सब काम इसी के जरिये करवाया जा रहा है। सभासदों का दावा है कि बिना कमीशन के कोई फाइल आगे नहीं बढ़ती।
सभासदों ने बताया कि मो. सैयद ऑन खुद को समाजवादी पार्टी का बड़ा नेता बताता है और खुलेआम धमकी देता है कि उसकी ‘ऊपर तक पहुंच’ है, उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इतना ही नहीं, उसके खिलाफ पहले से ही टांडा कोतवाली में मारपीट का मुकदमा भी दर्ज है, फिर भी वह पालिका अध्यक्ष के संरक्षण में खुलेआम ठेकेदारों से तीन से पांच प्रतिशत कमीशन वसूल रहा है।
सभासद मोहम्मद जाहिद उर्फ छोटू, नवाब साबरी, पूनम सोनी, पुष्पा देवी, मेहरुन्निसा, शकील अहमद, जमाल कामिल समेत 11 सभासदों ने जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में ठेकेदारों के साथ मीटिंग की फोटो भी सबूत के तौर पर सौंपी है। सभासदों ने आरोप लगाया कि इस ‘दलाली राज’ ने पालिका की साख मिट्टी में मिला दी है और विकास कार्यों पर ताला लग गया है।
स्थानीय नागरिकों का भी आरोप है कि पालिका अध्यक्ष शबाना नाज़ की इस कार्यशैली से टांडा का विकास पूरी तरह बाधित हो गया है। अब लोगों की नजरें जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला पर टिकी हैं कि वह इस ‘सुपर चेयरमैन’ सिस्टम पर कब लगाम कसते हैं।
सभासदों का कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो जनता के सब्र का बांध टूट सकता है और बड़ा आंदोलन खड़ा होगा। फिलहाल पूरा टांडा इस सवाल पर चर्चा कर रहा है — आखिर टांडा पालिका को चला कौन रहा है?